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प्रेरणादायक कहानियां

एक बंदर एक मनुष्य के घर प्रतिदिन आता था और उधम करता था | वह कभी कपड़े फाड़ देता, कभी कोई बर्तन उठा ले जाता और बच्चों को भी नोच लेता | वह खाने पीने की वस्तुएं ले जाता था | इसका दु:ख उन घरवालों को ही नहीं था किंतु उस बंदर के उपद्रव से वे तंग आ गए थे |

एक दिन घर के स्वामी ने कहा मैं इस बंदर को पकड़ कर बाहर भेज दूंगा उसने एक छोटी मुंह की हाड़ी मंगायी और उसमें भुने चने डाल कर हाड़ी को भूमि में गाड़ दिया | केवल हांडी का मुंह खुला हुआ था | सब लोग वहां से दूर चले गए |


वह बंदर घर में आया | थोड़ी देर इधर-उधर घूमता रहा जब उसने गड़ी हुई हाड़ी में चने देखे तो हाड़ी के पास आकर बैठ गया | खाने के लिए उसने हाड़ी में हाथ डाला और मुट्ठी में चने भर लिए हांडी का मुख छोटा था | उसमें से बंधी मुट्ठी निकल नहीं सकती थी | बंदर मुट्ठी निकालने के लिए जोर लगाने और कूदने लगा | किंतु; लालच के मारे मुठ्ठी के चने उसने नहीं छोड़े |

बंदर को घर के स्वामी ने रस्सी से बांध लिया और बाहर भेज दिया | चने का लालच करने से बंदर पकड़ा गया |

 Moral of the Story :- 
” इससे कहावत है – ” लालच बुरी बला है |”

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